सिर्फ मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसके शब्दों में ज़हर होता है ।
(श्रीमति शर्मा)
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यह कथन सत्य है कि प़ाणियो में मनुष्य ही ऐसा प़ाणी होता है जिसमे वाणी होती है लेकिन वाणी में जो शब्द का उपयोग होता है उसमे मिठास और कड़वा भी होते हैं।आजकल के समय में कड़वे शब्द का उपयोग होने लगा है जो ज़हर के समान होते हैं।अतः जीवन में ज़हर के समान शब्दो का उपयोग नही करना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।
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यह कथन सत्य है कि प़ाणियो में मनुष्य ही ऐसा प़ाणी होता है जिसमे वाणी होती है लेकिन वाणी में जो शब्द का उपयोग होता है उसमे मिठास और कड़वा भी होते हैं।आजकल के समय में कड़वे शब्द का उपयोग होने लगा है जो ज़हर के समान होते हैं।अतः जीवन में ज़हर के समान शब्दो का उपयोग नही करना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।