शरीर / आत्मा
यदि शरीर को ज्यादा महत्व दिया तो आत्मा Neglect हो जाती है जैसे एक बेटे को ज़रूरत से ज्यादा महत्व देने पर दूसरा बेटा Neglected महसूस करने लगता है।
क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
यदि शरीर को ज्यादा महत्व दिया तो आत्मा Neglect हो जाती है जैसे एक बेटे को ज़रूरत से ज्यादा महत्व देने पर दूसरा बेटा Neglected महसूस करने लगता है।
क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
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क्षुल्लक श्री जिनेन्द्र वर्णी जी ने शरीर एवं आत्मा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए सिर्फ आत्मा को ही ध्यान रखना परम आवश्यक है।