शांति
शांति के लिये –>
1. अभिलाषा छोड़नी होगी।
2. समता धारण।
3. व्यापकता।
4. निस्वार्थता।
5. पारमार्थिक शांति के लिये सर्वलोकाभिलाषा का त्याग।
क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (शांतिपथ प्रदर्शक)
शांति के लिये –>
1. अभिलाषा छोड़नी होगी।
2. समता धारण।
3. व्यापकता।
4. निस्वार्थता।
5. पारमार्थिक शांति के लिये सर्वलोकाभिलाषा का त्याग।
क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (शांतिपथ प्रदर्शक)
6 Responses
शान्तिपथ प़दर्शक में शान्ति के लिए जो उपाय बताऐ गए हैं वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए शान्ति के पथ को पालन करना परम आवश्यक है।
1) 1st aur 5th line me kya difference hai ?
2) ‘व्यापकता’ ka kya meaning hai, please ?
अभिलाषा व्यापक(broad) होती है।
सर्वलोकाभिलाषा Specific. मुख्यत: परमार्थ के क्षेत्र के लिए।
Okay. Is context me, ‘व्यापकता’ ka kya meaning hai, please ?
संकीर्ण विचारों वाले शांत नहीं रह सकते हैं।
Okay.