संगति
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है ।
जैसी संगति वैसे बनोगे ।
मंदिर जाओगे भगवान जैसे, गुरूओं की सेवा में रहोगे त्याग/संयम के भाव बनेंगे ।
मुनि श्री विश्रुतसागर जी
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है ।
जैसी संगति वैसे बनोगे ।
मंदिर जाओगे भगवान जैसे, गुरूओं की सेवा में रहोगे त्याग/संयम के भाव बनेंगे ।
मुनि श्री विश्रुतसागर जी