सत्यनिष्ठा की लौ पर,
रख दी सलीके से,
संयम की चिमनी;
प्रकम्पित न हो ताकि,
प्रलोभन की आंधी में ।
(गुरुवर मुनि श्री क्षमा सागर जी के प्रवचन से प्रेरित)..कमल कांत जैसवाल
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जैन धर्म में संयम रखना बहुत महत्वपूर्ण है। भोजन, विचारों आदि पर संयम का अंकुश होना आवश्यक है। सत्य निष्ठा की लौ पर सलीके से संयम की चिमनी रखने पर आग नहीं लग सकती है। अतः जीवन के हर क्षेत्र में संयम की चिमनी का उपयोग करना आवश्यक है।
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जैन धर्म में संयम रखना बहुत महत्वपूर्ण है। भोजन, विचारों आदि पर संयम का अंकुश होना आवश्यक है। सत्य निष्ठा की लौ पर सलीके से संयम की चिमनी रखने पर आग नहीं लग सकती है। अतः जीवन के हर क्षेत्र में संयम की चिमनी का उपयोग करना आवश्यक है।