अशुभ/पाप ही संसार है – आचार्य समंतभद्र जी ;
इस चिंतन से, अशुभोपयोग से बच सकते हैं ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार अशुभ या पाप को माना गया है लेकिन इसके चिंतन से,अशुभोपयोग से बचा जा सकता है क्योंकि विद्वान् आचार्य श्री समंतभद़ स्वामी जी ने की है जो आगम के बड़े विद्वान् रहे थे।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार अशुभ या पाप को माना गया है लेकिन इसके चिंतन से,अशुभोपयोग से बचा जा सकता है क्योंकि विद्वान् आचार्य श्री समंतभद़ स्वामी जी ने की है जो आगम के बड़े विद्वान् रहे थे।