परछाईं को अंधकार मत मानना,
यह तो प्रकाश का द्योतक है ।
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यह कथन सत्य है कि जो परछाईं को अंधकार नहीं मानता है क्योंकि वह प़काश का घोतक हैं,यही सकारात्मक सोच होती है।
जीवन में सकारात्मक सोच होनी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
जीवन में नकरात्मक सोच वाला हमेशा दुःखी रहता है।
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यह कथन सत्य है कि जो परछाईं को अंधकार नहीं मानता है क्योंकि वह प़काश का घोतक हैं,यही सकारात्मक सोच होती है।
जीवन में सकारात्मक सोच होनी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
जीवन में नकरात्मक सोच वाला हमेशा दुःखी रहता है।