समतल भूमि पर चलना आसान, समतल खेत में पैदावार अधिक ।
समता भाव से परिवार, देश भी सुचारू रूप से चलते हैं ।
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शत्रु/मित्र मेंं,सुख-दुख में,लाभ-अलाभ और जय-पराजय मेंं हर्ष-विवाद नहीं करना या साम्य भाव रखना समता है।
अतः जीवन में समता का भाव रखना चाहिए ,
समता भाव से समतल भूमि पर चलना आसान,समतल खेत में पैदावार अधिक, समता भाव से परिवार और देश भी सुचारु रूप से चलते हैं।
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शत्रु/मित्र मेंं,सुख-दुख में,लाभ-अलाभ और जय-पराजय मेंं हर्ष-विवाद नहीं करना या साम्य भाव रखना समता है।
अतः जीवन में समता का भाव रखना चाहिए ,
समता भाव से समतल भूमि पर चलना आसान,समतल खेत में पैदावार अधिक, समता भाव से परिवार और देश भी सुचारु रूप से चलते हैं।