समयसार का सार ये है कि -“समय को कब/कहाँ/कितना” लगाना है ।
समयसार भी अनेक हैं – मूलाचार में समयसार अधिकार है, जो समयसार ग्रंथ से अलग है, साधना के लिये अलग, श्रावकों के लिये अलग है कि किस समय क्या करें ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
उक्त कथन सत्य है कि समयसार सार यही है कि समय को कब, कहां, कैसे और कितना लगाना है।समयसार साधना के लिए और श्रावकों के लिए अलग अलग है।समयसार ग़न्थ साधना हेतु, अध्ययन करते हैं वह जीवन में दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो जातें हैं।
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उक्त कथन सत्य है कि समयसार सार यही है कि समय को कब, कहां, कैसे और कितना लगाना है।समयसार साधना के लिए और श्रावकों के लिए अलग अलग है।समयसार ग़न्थ साधना हेतु, अध्ययन करते हैं वह जीवन में दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो जातें हैं।
“मूलाचार में समयसार अधिकार है”, ka kya meaning hai?
समयसार अलग-अलग ग्रंथों में अलग-अलग हैं जैसे मूलाचार में “समयसार अधिकार ” नाम से ।
Okay.