मिथ्यात्व के ऊपर श्रद्धान करने से भी सम्यग्दर्शन हो जाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(पाप को पाप मान लिया तो पुण्य पर श्रद्वान हो ही जायेगा)।
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4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने सम्यग्दर्शन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मिथ्यात्व को मिटाना परम आवश्यक है ताकि सम्यग्दर्शन हो सकता है।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने सम्यग्दर्शन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मिथ्यात्व को मिटाना परम आवश्यक है ताकि सम्यग्दर्शन हो सकता है।
Iska abhipraay explain karenge, please ?
पाप को पाप मान लिया तो पुण्य पर श्रद्वान हो ही जायेगा।
Okay.