सरल तप
सबसे सरल तप – प्रसन्न रहना,
इससे पुण्यबंध होता है,
पापोदय शांत होता है,
तथा
कर्म झरते भी हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सबसे सरल तप – प्रसन्न रहना,
इससे पुण्यबंध होता है,
पापोदय शांत होता है,
तथा
कर्म झरते भी हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
यह कथन सत्य है कि प़सन्न रहना ही सबसे सरल तप है।सरल तप के द्वारा पुण्यबंध होता है ओर पापोदय शांत होते हैं तथा कर्म भी झरते है।अतः प़सन्न रहने के लिए धर्म का सहारा लेना चाहिए जिससे कर्म झड़ सकते हैं।कर्म झड़ने से निश्चित प़सन्नता प़ाप्त होगी।