कल्पना उसकी ही की जा सकती है जिसे कभी देखा हो ।
पत्थर की मूर्ति में यदि आज हम भगवान की कल्पना कर पाते हैं तो निश्चित मानिये – पिछले जन्मों में हमने भगवान के साक्षात दर्शन ज़रूर किये होंगे ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है।
जिन लोगों ने पूर्व भव में भगवान् के दशॅन किये होंगे, वही लोग आज भगवान् की मूर्तियों को देखकर साक्षात समझ कर दशॅन करते हैं। भगवान् को आत्मसात कर लेने पर हमेशा भगवान् दिखाई देते हैं।
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यह कथन बिलकुल सत्य है।
जिन लोगों ने पूर्व भव में भगवान् के दशॅन किये होंगे, वही लोग आज भगवान् की मूर्तियों को देखकर साक्षात समझ कर दशॅन करते हैं। भगवान् को आत्मसात कर लेने पर हमेशा भगवान् दिखाई देते हैं।