हम सेवा का क्या भाव(मोल) लगा सकते हैं ! सेवक को क्या वेतन दोगे, जिसने अपने को हमारे लिए बे-तन कर दिया है। अतिभाररोपण से तो ज़रूर बचें, इसमें ज्यादा उम्मीद का भार भी आता है।
मुनि श्री सौम्य सागर जी (प्रवचन- 26 फ़रवरी)
Share this on...
3 Responses
सेवक का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए हमेशा सेवाओं के लिए तत्पर रहना परम आवश्यक है।
3 Responses
सेवक का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए हमेशा सेवाओं के लिए तत्पर रहना परम आवश्यक है।
Is post ke context me ‘ बे-तन’ ka meaning clarify karenge, please ?
बिना तन वाले यानी वे तो अपना पूरा तन ही आपको समर्पित कर देते हैं, कौन सेवक।