स्वीकृति

पुलिस अपराधी को तब तक पीटती रहती है जब तक वह अपराध स्वीकार नहीं कर लेता।
हमको भी कर्म तब तक पीटते रहेंगे जब तक हम गलती स्वीकारते/प्रायश्चित नहीं करते।

मुनि श्री सुधासागर जी

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2 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का स्वीकृति के विषय में उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में अपने गलत कर्मों को स्वीकार नहीं करते हैं, एवं प़ायश्चित नही करते हैं तब तक जीवन का कल्याण नहीं हो सकता है ! अतः जीवन में गलत कार्यों का प़ायश्चित करना चाहिए!

  2. पाप पुण्य जो फल हैं,
    कर्मों के हैं श्राप।
    मुक्ति चाहिए कर्म से,
    करिए पश्चाताप।।

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