हास्य

हास्य में चारों categories →
1. हास्य में अनंतानुबंधी – किसी की ऐसी हंसी उडाना जिसमें उसे बहुत कष्ट हो रहा हो।
2. हास्य में अप्रत्याख्यान – अव्रती को देखकर मुस्कराना।
3. हास्य में प्रत्याख्यान – व्रती को देखकर मुस्कराना।
4. हास्य में संज्वलन – आचार्य श्री विद्यासागर जी की मुस्कान।

कमलाबाई जी – चिंतन 

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One Response

  1. उपरोक्त उदाहरण हास्य के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! उसी अनुसार पालन करना चाहिए ताकि हास्य मज़ाक न बन सके!

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