कर्मोदय… बिल से निकला हुआ सांप है; छेड़ा, तो डसा !
शरीर पर से निकल रहा हो, तो भी शांति से निकलने देना, वरना लेने के देने पड़ जायेंगे !
चिंतन
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4 Responses
कर्मोदय … कर्म के उदय से जीव मन वचन के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता रहता है और संसार में भटकना पड़ता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बिल से निकला हुआ सांप है, यदि छेड़ता है तो ड़स सकता है, शरीर के ऊपर से निकल रहा हो तो भी उसे शान्ती से निकलने देना चाहिए,वरना लेने के देने में पड़ जायेंगे । इसी प्रकार कर्म भी सोच समझ कर करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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कर्मोदय … कर्म के उदय से जीव मन वचन के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता रहता है और संसार में भटकना पड़ता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बिल से निकला हुआ सांप है, यदि छेड़ता है तो ड़स सकता है, शरीर के ऊपर से निकल रहा हो तो भी उसे शान्ती से निकलने देना चाहिए,वरना लेने के देने में पड़ जायेंगे । इसी प्रकार कर्म भी सोच समझ कर करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Aur agar accha karmoday hai to kaise fit karenge?
अच्छा प्रश्न है,
यदि अच्छा कर्मोदय है तो और अच्छा फिट होगा…
पुण्योदय अजगर सांप है..डसता नहीं, पूरा निगल जाता है ।
Okay.