संसार के कानून मनुष्य ने बनाये, धर्म के किसने ?
ज़हर खाने से मरण की सज़ा, शाश्वत/ अनादि से/ प्राकृतिक नियम है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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6 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार के कानून मनुष्य के द्वारा बनाए गए हैं।धर्म के कानून भगवान् के द्वारा दिए गए उपदेशों से आगम के द्वारा आचार्यों ने बनाये थे। उनके द्वारा कर्म सिद्धांत में उल्लेख किया गया है, जिसके द्वारा ज़हर खाने से मरण की सज़ा होती है, जो शाश्वत नियम है ,अनादि से एवं प्राकृतिक है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार के कानून मनुष्य के द्वारा बनाए गए हैं।धर्म के कानून भगवान् के द्वारा दिए गए उपदेशों से आगम के द्वारा आचार्यों ने बनाये थे। उनके द्वारा कर्म सिद्धांत में उल्लेख किया गया है, जिसके द्वारा ज़हर खाने से मरण की सज़ा होती है, जो शाश्वत नियम है ,अनादि से एवं प्राकृतिक है।
Can meaning of the last line be explained, please ?
जैसे ज़हर खाने से मरण होता है, ऐसे ही सारे प्राकृतिक नियम अनादि काल से चले आ रहे हैं, किसी के बनाये हुए नहीं हैं।
धर्म के कानून kya प्राकृतिक नियम hain?
“ज़हर खाने से मरण होता है” यह नियम है, इसे बनाया किसने!
natural है।
Okay.