कारण/कार्य

आहार संज्ञा ( जन्मजन्मांतरों तक दु:ख का कारण है);  क्षुधा-परिषह ( कुछ समय के लिये है), कार्य  है ।

वेद, आत्मा (अशुद्ध) के परिणाम हैं; मैथुन क्रिया कार्य है ।

लोभ/ पाप, तृष्णा है;  परिग्रह कार्य है ।

पं रतनलाल बैनाड़ा जी

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