कार्य / अकार्य
क्या करना ! रामायण से सीखें : भ्रातृ प्रेम;
क्या नहीं करना ! महाभारत से सीखें : भ्रातृ द्वेष ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
क्या करना ! रामायण से सीखें : भ्रातृ प्रेम;
क्या नहीं करना ! महाभारत से सीखें : भ्रातृ द्वेष ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
कार्य एवं अकार्य की परिभाषा दी गई है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में कार्य और अकार्य आवश्यकता हेतु करना उचित होगा। अतः जीवन में संस्कारों के लिए उचित कार्य करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।