यदि कोई सैनिक राजा में दोष बताये, तो क्या सैनिक को राजा बना देंगे !
यदि श्रावक सच्चे गुरु में दोष बताये, तो क्या उसे गुरु बना देंगे !
चिंतन
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गुरु शब्द का अर्थ महान् होता है, लोक में अध्यापक एवं माता पिता को कहते हैं, मोक्षमार्ग में आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीन गुरु होते हैं।यदि कोई राजा में दोष बताता है तो उसको राजा बनाने का ओचित्य नही होता है बल्कि जांच पडताल होती है.
सच्चे श्रावक तभी हो सकता है जब वह गुरु के प़ति समपर्ण का भाव रहता है, अतः जो श्रावक दोष निकालता है वह सच्चा श्रावक कभी नहीं हो सकता है इसलिये उसकी पात्रता गुरु बनने की नही हो सकती है।
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गुरु शब्द का अर्थ महान् होता है, लोक में अध्यापक एवं माता पिता को कहते हैं, मोक्षमार्ग में आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीन गुरु होते हैं।यदि कोई राजा में दोष बताता है तो उसको राजा बनाने का ओचित्य नही होता है बल्कि जांच पडताल होती है.
सच्चे श्रावक तभी हो सकता है जब वह गुरु के प़ति समपर्ण का भाव रहता है, अतः जो श्रावक दोष निकालता है वह सच्चा श्रावक कभी नहीं हो सकता है इसलिये उसकी पात्रता गुरु बनने की नही हो सकती है।