दु:ख में क्रंदन

दु:ख में जितनी जोर-जोर से रोओगे/चिल्लाओगे तो Pipeline/सत्ता में उतनी दूर-दूर के असाता कर्म बुलाहट सुनकर/जानकर आपके पास चले आयेंगे/उदीरणा कर जायेंगे ।

मुनि श्री महासागर जी

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4 Responses

  1. असाता कर्म का तात्पर्य जिस कर्म के उदय में अनेक प्रकार के दुःख का वेदन होता है।
    उदीरणा का मतलब अपक्व अर्थात नहीं पके हुए कर्मों का पकाना होता है,दीर्घ काल बाद उदय में आने योग्य कर्म का अपकर्षण करके उदय में लाकर उसका अनुभव करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि दुःख में जोर जोर से रोने चिल्लाने से असाता कर्म बधेंगे। अतः असाता कर्म से बचना आवश्यक है ।

    1. बुलाहट = बुलाना
      चीख पुकार यानि असाता कर्मों को चीख पुकार रही हो ।
      क्रंदन से असाता कर्मों का बंध होता है न !

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