ऊपर ऊपर के देवों का वैभव कम होता जाता है, वैभव की इच्छा भी कम, Attachment कम, संतोष ज्यादा ।
पं.रतनलाल बैनाड़ा जी
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नाम कर्म के उदय से जो जीव अणिमा, महिमा और देवीय शक्ति से मुक्त होकर सब इन्दिय सुख में रहते हैं, यह सभी देव कहलाते हैं।अतः यह कथन सत्य है कि ऊपर ऊपर के देवो का वैभव कम होता जाता है, भैभव की इच्छा भी कम और झुकाव कम हो जाता है लेकिन सन्तोष अधिक रहता है।
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नाम कर्म के उदय से जो जीव अणिमा, महिमा और देवीय शक्ति से मुक्त होकर सब इन्दिय सुख में रहते हैं, यह सभी देव कहलाते हैं।अतः यह कथन सत्य है कि ऊपर ऊपर के देवो का वैभव कम होता जाता है, भैभव की इच्छा भी कम और झुकाव कम हो जाता है लेकिन सन्तोष अधिक रहता है।