दोष दूसरे बतायें तो Sorry से काम चल जायेगा;
ख़ुद महसूस करें तो प्रायश्चित लें ।
चिंतन
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One Response
जीवन में प़त्येक जीव में दोष होना स्वाभाविक है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि यदि दोष दूसरे बतायें तो क्षमा से काम चल जाता है, लेकिन यदि खुद महसूस करें तो उसका प़ायश्चित लेना आवश्यक है ताकि पुनः वह दोष नहीं हो ।
अतः जीवन में अपने दोषों को समाप्त करने का प्रयास करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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जीवन में प़त्येक जीव में दोष होना स्वाभाविक है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि यदि दोष दूसरे बतायें तो क्षमा से काम चल जाता है, लेकिन यदि खुद महसूस करें तो उसका प़ायश्चित लेना आवश्यक है ताकि पुनः वह दोष नहीं हो ।
अतः जीवन में अपने दोषों को समाप्त करने का प्रयास करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।