निंदक

“निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवायै”
सार्वजनिक क्षेत्र में आंगन रामलीला मैदान होता है ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Share this on...

4 Responses

  1. निंदक का मतलब जो दूसरों के दोषों का प़चार करता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि निंदक को अपने पास रखना चाहिए, यदि आपके दोष बताता है तो सुधार करना चाहिए, यदि वह गलत बात करता है, उसको उसका एहसास कराना चाहिए अथवा अपने को मौन धारण करना ही उचित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

December 2, 2021

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930