कर्म अपना फल नोकर्म के निमित्त से देता हैं । नोकर्म प्रभावित करता है या आप प्रभावित होते हैं ? तीव्र कर्म के उदय में प्रभावित हुए बिना नहीं बचते । आचार्य श्री प्राय: चातुर्मास क्षेत्रों पर ही करते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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