पंचमकाल में सम्यग्दर्शन

सम्यग्द्रष्टि जन्म नहीं लेते, इसका प्रमाण ?

पं. श्री रतनलाल बैनाड़ा जी

आचार्य श्री विद्यासागर जी – रत्नकरण्ड़ श्रावकाचार गाथा 36 में लिखा है –
“सम्यग्द्रष्टि महा पुरुषार्थी पैदा होता है”,
और महा पुरुषार्थ तो मोक्ष प्राप्ति को ही कहते हैं ।

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