पद

लंका विजय के बाद श्री राम सबको दो पद (राजा/मंत्री) दे रहे थे ।
हनुमान ने भी दो पद माँगे, वे पद थे – श्री राम के दो पद ।

जिसने गुरू/भगवान के दो पद पालिये, उसे संसार के सारे पद मिल जाते हैं, वह परमपद को प्राप्त कर लेता है ।

आर्यिका श्री विनतमति माताजी

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