उत्कृष्ट पावनता स्वयं के पावन होने में नहीं बल्कि दूसरों को पावन करने में है ।
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यह कथन सत्य है कि पावनता स्वयं को पवित्र बनाना ही नहीं बल्कि दूसरों को भी पवित्र और पावन बनाना है। जिससे स्वयं के कल्याण के साथ दूसरों के लिए कल्याण होना चाहिए ताकि उत्कृष्ट पावनता हो सकेगी।
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यह कथन सत्य है कि पावनता स्वयं को पवित्र बनाना ही नहीं बल्कि दूसरों को भी पवित्र और पावन बनाना है। जिससे स्वयं के कल्याण के साथ दूसरों के लिए कल्याण होना चाहिए ताकि उत्कृष्ट पावनता हो सकेगी।