जो सम्बधियों से सम्बंध तुड़वाने में निमित्त बने, वह वासना;
जो सम्बंधों को बढ़ाये/द्रढ़ करे वह प्रेम ।
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यह कथन सत्य है कि जो सम्बंधों को बढाये और द़ढ करे वही सच्चा प़ेम होता है। सम्बंधों को बिगाडने का निमत्त होता है वह वासना होती है। जीवन में वासना ही सम्बंधों को बिगाड देती है। अतः सम्बंधों को सुरक्षित रखने के लिए प़ेम का भाव रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सके ।
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यह कथन सत्य है कि जो सम्बंधों को बढाये और द़ढ करे वही सच्चा प़ेम होता है। सम्बंधों को बिगाडने का निमत्त होता है वह वासना होती है। जीवन में वासना ही सम्बंधों को बिगाड देती है। अतः सम्बंधों को सुरक्षित रखने के लिए प़ेम का भाव रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सके ।