भावना
एक राज्य में राजा अल्पायु ही होते थे ।
राजा के पूछने पर गुरु ने कहा कि जब वो हरा पेड़ सूख जायेगा तब बताऊंगा ।
15 दिन में वह पेड़ सूख गया ।
कारण !
राजा ने भावना भायी थी कि जल्दी सूखे ।
गुरु – राजन! तुम्हारे भावना भाने से हरा-भरा पेड़ सूख गया। ऐसे ही प्रजा तुम्हारे बारे में बुरी भावना रखती है, इसलिये राजा अल्पायु होते हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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यह कथन बिलकुल सत्य है। जैन धर्म में भावना का महत्वपूर्ण स्थान है। जैसी रही भावना उसी का परिणाम अवश्य मिलता है। भगवान् के चरणौं में जाने पर और माता-पिता के चरणौं में जाने के बाद अपनी भावनाओं के कारण उनका आशीर्वाद प़ाप्त होता है। पवित्र भावना होने के बाद उसका परिणाम अवश्य मिलता है।