मंज़िल
यात्री ने कंड़क्टर से एक टिकट मांगते हुये, एक हजार का नोट दिया ।
कंड़क्टर – कहाँ का टिकट चाहिए ?
यात्री – तुमको हजार रूपये दिये ना !! बस एक टिकिट दे दो ज्यादा पूछताछ करने की ज़रूरत नहीं है ।
हम भी ऐसे ही पैसा/समय बर्बाद कर रहे हैं पर हमको मंज़िल का पता नहीं है ।
यदि कोई पूछता भी है तो हमें झुंझलाहट आती है, यह प्रश्न ही निरर्थक लगता है ।
One Response
very true
HariBol