छोटे (वर्तमान) समस्या का समाधान मांगते हैं, जैसे दुर्योधन ने सेना माँगी, कृष्ण नहीं ।
बड़े ऐसा देते हैं (बिना मांगे) जिससे समस्या आयेगी ही नहीं ।
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4 Responses
उक्त कथन सत्य है कि जीवन में मांगने के भाव नहीं रहना चाहिए बल्कि बिन मांगे जो मिलता है उसे स्वीकार कर लेना चाहिए तो समस्या नहीं रहती है। भगवान् से कुछ मांगते नहीं है बल्कि प़ार्थना करते हैं कि जीवन में समता रहे, वही कल्याण कर सकता है।जो उदाहरण दिया है वह सत्य है कि दुर्योधन ने कृष्ण जी से सेना मांगी तो भी हारना ही पड़ा।
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उक्त कथन सत्य है कि जीवन में मांगने के भाव नहीं रहना चाहिए बल्कि बिन मांगे जो मिलता है उसे स्वीकार कर लेना चाहिए तो समस्या नहीं रहती है। भगवान् से कुछ मांगते नहीं है बल्कि प़ार्थना करते हैं कि जीवन में समता रहे, वही कल्याण कर सकता है।जो उदाहरण दिया है वह सत्य है कि दुर्योधन ने कृष्ण जी से सेना मांगी तो भी हारना ही पड़ा।
“बड़े” ka kya taatparya hai, in the post?
जिसकी सोच बड़ी/ धार्मिक हो ।
Okay.