मुनि दीक्षा

अंगभंग/गूँगे/बहरों को दीक्षा नहीं दी जाती है ।

पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

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One Response

  1. यह कथन सत्य है कि मुनि दीक्षा उनको ही दी जाती है जिसके अंग भंग खराब नहीं होना चाहिए एवं गूँगे और बहरे नहीं होना चाहिए। अंग भंग/गूँगे /बहरे होने पर साधना, तप और ध्यान ढंग से नहीं कर सकते हैं।

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