सम्यक्त्व / मिथ्यात

असली हीरे को नकली मानना अज्ञानता है,
आज नहीं तो कल उसकी असली कीमत आंकने लगोगे ।

नकली को असली मानना भ्रम/ हंसी के पात्र बनोगे ।
नकली हीरे को असली कह कर बेचोगे तो पकड़े जाने तथा सज़ा पाने का ख़तरा बना रहेगा ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यक्तव और मिथात्व को जो बताया गया है कि असली हीरे को नकली मानना अज्ञानता है, क्योंकि आज नहीं कल उसकी कीमत आंकने लगोगे।नकली को असली मानना भ़म और हंसी के पात्र बनोगे। यदि नकली हीरे को असली कहकर बेचोगे तो पकड़े जाने पर तथा सजा पाने का खतरा बना रहेगा। अतः जीवन में मिथात्व को भगाना है और सम्यक्तव के भाव रखना अनिवार्य है।

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