जब तक शिक्षा का उद्देश्य नौकरी रहेगा तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे, मालिक नहीं ।
मुनि श्री उत्तमसागर जी
Share this on...
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि शिक्षा का उद्देश्य नौकरी रहेगा तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे लेकिन मालिक नहीं हो सकते हैं।
नौकरी का मतलब गुलामी करना होता है। आजकल शिक्षा नौकरी के लिए हो रही है, अतः शिक्षा ऐसी होना आवश्यक है ताकि स्वयं व्यापार कर सकें,वही मालिक होगा जो दूसरों को नौकरी देने में समर्थ हो सकते हैं।
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि शिक्षा का उद्देश्य नौकरी रहेगा तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे लेकिन मालिक नहीं हो सकते हैं।
नौकरी का मतलब गुलामी करना होता है। आजकल शिक्षा नौकरी के लिए हो रही है, अतः शिक्षा ऐसी होना आवश्यक है ताकि स्वयं व्यापार कर सकें,वही मालिक होगा जो दूसरों को नौकरी देने में समर्थ हो सकते हैं।