सम्यग्दर्शन के गुणों का क्रम

सम्यग्दर्शन के 4 गुणों का क्रम –  प्रशम, संवेग, अनुकम्पा, और आस्तिक्य ही रहेगा,
पहले गुणों के बिना आगे के गुण आना संभव ही नहीं है,
जैसे अपराधियों के तीव्र कषाय होने से ( प्रशम की अनुपस्थिति ) संवेग और अनुकम्पा भी नहीं देखी जाती, इसीलिये भगवान की वाणी में उनकी आस्था नहीं होती है।

चिंतन

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