सीमा
डॉक्टर का ऑपरेशन तो सफल हुआ, पर मरीज़ मर गया।
हम हर चीज सीमा में चाहते हैं, जैसे बाल, नाख़ून, कपड़े, पर संपत्ति की कोई सीमा नहीं निर्धारित करते।
कितना कमाना, किस कीमत पर कमाना !
संपत्ति के अर्जन, संरक्षण और संवर्धन, सब में अशांति/ आकुलता जुड़ी रहती है, सेहत ख़राब होती है, पारिवारिक जीवन समाप्त हो जाता है।
पर हम उस डॉक्टर की तरह इसे अपना सफल ऑपरेशन मानने लगते हैं; चाहे हम ख़ुद समाप्त हो जाएं, या हमारा परिवार बिखर जाए!
आर्यिका पूर्णमति माता जी (3 अक्टूबर)
2 Responses
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने सीमा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तेक क्षेत्र में सीमा को निर्धारित करना परम आवश्यक है।
Beautiful post ! Vandami Mataji !