जीवन में वह सब सरल जिसे स्वीकार लिया और वह सब कठिन जिसे नकार दिया ।
फिर चाहे वह धर्म का हो या अधर्म का ।
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उक्त कथन सत्य है कि जीवन में वह सब सरल चीजों को स्वीकार कर लेता है लेकिन वह कठिन काम को नकार देता है। अतः जीवन में कठिन काम को स्वीकार कर लेना चाहिए लेकिन धर्म क्षेत्र का है उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।लोग सोचते हैं कि धर्म कठिन है लेकिन ऐसा नहीं है। जीवन में कमसे कम अर्धम काम कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए। जीवन में जब धर्म को स्वीकार कर लोगे तो निश्चित ही कल्याण होगा।
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उक्त कथन सत्य है कि जीवन में वह सब सरल चीजों को स्वीकार कर लेता है लेकिन वह कठिन काम को नकार देता है। अतः जीवन में कठिन काम को स्वीकार कर लेना चाहिए लेकिन धर्म क्षेत्र का है उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।लोग सोचते हैं कि धर्म कठिन है लेकिन ऐसा नहीं है। जीवन में कमसे कम अर्धम काम कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए। जीवन में जब धर्म को स्वीकार कर लोगे तो निश्चित ही कल्याण होगा।