संस्कृित भाषा नहीं आती तो भी श्रद्धा से पढ़ो ।
जिसकी वंदना कर रहे हो, उसे तो आती है ।
श्री लालमणी भाई
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3 Responses
यह कथन बिलकुल सत्य है – – – –
संस्कृति भाषा की आवश्यकता नहीं है. जिस भाषा का अनुभव हो साथ में श्रद्धा होगी उससे भी कल्याण होगा। यदि मन में वंदना के भाव हो और श्रद्धा होगी तब अवश्य ही कल्याण होगा।
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यह कथन बिलकुल सत्य है – – – –
संस्कृति भाषा की आवश्यकता नहीं है. जिस भाषा का अनुभव हो साथ में श्रद्धा होगी उससे भी कल्याण होगा। यदि मन में वंदना के भाव हो और श्रद्धा होगी तब अवश्य ही कल्याण होगा।
In the post, are we referring to “Sanskriti” or “Sanskrit”?
आशय भाषा से है ।
Spelling भी ठीक कर दी है ।