अतिथि संविभाग
आचार्य श्री एक बार किसी गरीब के घर आहार के लिये गये, रोटियों के बर्तन में 6 रोटियाँ थीं, उन्होंने 2 रोटी खाने के बाद अंजुली छोड़ दी । ताकि चौके वाले पति-पत्नि को उनके हिस्से की 2-2 रोटियाँ मिल सकें ।
आचार्य श्री एक बार किसी गरीब के घर आहार के लिये गये, रोटियों के बर्तन में 6 रोटियाँ थीं, उन्होंने 2 रोटी खाने के बाद अंजुली छोड़ दी । ताकि चौके वाले पति-पत्नि को उनके हिस्से की 2-2 रोटियाँ मिल सकें ।