सीस उतारे, भुइं धरे, ता पर राखे पाँव,
जो घर फूंके आपनो, चले हमारे साथ.
गुरु कहता है –
अपने अहंकार, अपने घमंड को, अपने ‘मैं’ को, अपने व्यक्तित्व, अपने मस्तिष्क, से पूरी तरह काट कर अलग कर दो और उसे हमेशा -हमेशा के लिए कुचल दो. माया-मोह से बने अपने सांसारिक गेह अर्थात संसारिकता का परित्याग करो, इन सब के बाद ही तुम्हारी आत्मा, परमात्मा में लीन होने की अनंत यात्रा में मेरे साथ आगे बढ़ सकेगी.
5 Responses
Aisa karne vaala vyakti yeh realise nahin karta, ki ahankaar karne se , who khud neeche girta hai, saamne wala nahin.
Suresh Chandra Jain
Anhakar Khud Ko Kha Jata Hai.
सीस उतारे, भुइं धरे, ता पर राखे पाँव,
जो घर फूंके आपनो, चले हमारे साथ.
गुरु कहता है –
अपने अहंकार, अपने घमंड को, अपने ‘मैं’ को, अपने व्यक्तित्व, अपने मस्तिष्क, से पूरी तरह काट कर अलग कर दो और उसे हमेशा -हमेशा के लिए कुचल दो. माया-मोह से बने अपने सांसारिक गेह अर्थात संसारिकता का परित्याग करो, इन सब के बाद ही तुम्हारी आत्मा, परमात्मा में लीन होने की अनंत यात्रा में मेरे साथ आगे बढ़ सकेगी.
पहली बार साइट पर आने के लिये आपका स्वागत.
अच्छे सह्योग के लिये आषीश ।
इसीलिये मोक्षमार्ग में पुर्ण वीतरागता को आवश्यक बताया है ।
Powerful!