धागे के अहम् को बनाये रखने के लिये मोम अपना सर्वस्य दे देता है, फिर भी धागे का वहम् समाप्त नहीं होता, हम इनसे दूर कैसे रहें ?
“मैं” बुरा नहीं, आवश्यक है;
“मैं कुछ हूँ” का वहम् बुरा है ।
वहम् ही अहम् को पैदा करता है ।
“अर्हम्” को पहचान लो तो वहम् भी नहीं और अहम् भी नहीं ।
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जीवन में अहम ओर वहम दोनों बहुत ख़तरनाक है। अतः उक्त कथन सत्य है कि वहम ही अहम को पैदा करता है।
अतः अर्हम को पहिचान कर ले तो वहम भी नहीं और अहम नहीं होगा।
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जीवन में अहम ओर वहम दोनों बहुत ख़तरनाक है। अतः उक्त कथन सत्य है कि वहम ही अहम को पैदा करता है।
अतः अर्हम को पहिचान कर ले तो वहम भी नहीं और अहम नहीं होगा।