अहिंसा

3 October के Times Of India में एक News आयी थी कि विश्व का सबसे बड़ा Nuclear Reactor, Sweden में है, उसको बंद करना पड़ा,
क्योंकि उसकी टरबाईन की पाईप में बहुत जैली फ़िश आ गयीं, उन्होनें उसे Block कर दिया ।

इस Message को अब हम अपने हिसाब से देखें –
शिवपुरी के पावर हाउस में जब मैं गया था, तो मैंने उनसे पूछा था कि मछलियों को टरबाईन में आने से आप कैसे रोकते हैं?
तो उन्होंने बताया कि 4″ by 4″ की एक जाली लगा देते हैं ।
इसका क्या मतलब ?
4″ by 4″ की जाली से बड़ी साईज की मछलियां, कछुऐ आदि रुक तो जाते हैं, पर वो घुट घुटकर मरते हैं ,
और उससे छोटे वाले टरबाईन के ब्लेड़ से कट जाते हैं ।

अत: यह संदेश लेना चाहिये कि बिजली के उत्पादन में बहुत हिंसा है,
तो कम से कम इतना तो अपन ध्यान रखें कि बिजली का प्रयोग कम करें ।
अपन इतना तो सोचें कि A.C. आदि का प्रयोग कम से कम करें, जिनमें बिजली बहुत ज्यादा लगती है और पर्यावरण भी खराब होता है ।
क्या अपन अहिंसा के मार्ग पर इतना सा काम शुरू नहीं कर सकते ?
इसमें थोड़ा सा प्रमाद कम करना होगा और थोड़ी सी सुविधायें कम करनी होंगी, इसमें क्या दिक्कत है !!

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2 Responses

  1. Generally people take care of electricity at home because they need to pay for it from own pocket,
    but at public places they dont care abt it…
    we should think that our aim is to reduce use of electricity at every place.

  2. We must think very seriously about this matter as fishes are SANGYI PANCHENDRIYA JEEV which may be SAMYAGDRASHTI or even VRATI too.

    Electricity (AGNIKAAY) is also EKENDRIYA JEEV. Jain gruhastha (SHRAAVAK) should not use the EKENDRIYA JEEV needlessly.

    TRAS HIMSA KO TYAG, VRUTHA THHAVAR NA SANHAARE. (CHATURTH DHAAL, CHHAHA DHAALA).

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