आद्रता

समय फिसलता नहीं, रेत की तरह मुट्ठी से
फिसलते तो हम हैं, समय की मुट्ठी से,

सिर्फ़ नम बने रहकर ही टिक सकते हैं
हम इस समय की मुट्ठी में ।

(अभिषेक-शिवपुरी)

Share this on...

Archives

Archives
Recent Comments

May 18, 2017

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031