आस्रव
चारों ओर से कर्मों का धीरे-धीरे रिसना।
इसलिये पता नहीं लगता/ हम रोकने का प्रयास नहीं करते।
दूसरा कारण है सूक्ष्मता (कर्म वर्गणाओं की)।
शांतिपथ प्रदर्शक
चारों ओर से कर्मों का धीरे-धीरे रिसना।
इसलिये पता नहीं लगता/ हम रोकने का प्रयास नहीं करते।
दूसरा कारण है सूक्ष्मता (कर्म वर्गणाओं की)।
शांतिपथ प्रदर्शक
One Response
आस्रव का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अपने अपने कर्मों का काटना परम आवश्यक है।