उठावनी में दान
उठावनी में दान की घोषणा को रिवाज़ मानना चाहिये ।
पर उस दान में से सुपात्र-दान (आहार दान) नहीं करना चाहिये।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
उठावनी में दान की घोषणा को रिवाज़ मानना चाहिये ।
पर उस दान में से सुपात्र-दान (आहार दान) नहीं करना चाहिये।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि उठावनी में दान की घोषणा को रिवाज़ ही मानना पड़ता है। उठावनी तीसरे दिन की जाती है, जबकि सूतक 13 दिन का रहता है, इसलिए उस समय सुपात्र दान यानी आहार दान देना नहीं चाहिए। दान की बोली का रुपया भी 13 वें दिन ही देना उचित होगा।
In the above context, “उस दान में से सुपात्र-दान (आहार दान) kyon नहीं करना चाहिये” ?
सुपात्र/ मुनि बहुत पवित्र होते हैं, उनकी साधना को थोड़ी सी भी अशुद्धि प्रभावित कर जाती है।
Okay.