क्षमा
आज का दिन क्षमा का है ।
धर्म की शुरूआत क्षमा से ही होती है –
सब जीवों को मैं क्षमा करता हूँ, सब जीव मुझे क्षमा करें ।
शुभकामनायें कि हम सब यह पर्व पूरी क्षमता और उत्साह से मनायें ।
आज का दिन क्षमा का है ।
धर्म की शुरूआत क्षमा से ही होती है –
सब जीवों को मैं क्षमा करता हूँ, सब जीव मुझे क्षमा करें ।
शुभकामनायें कि हम सब यह पर्व पूरी क्षमता और उत्साह से मनायें ।
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि आज का दिन उत्तम क्षमा का है, क्योंकि धर्म की शुरुआत क्षमा से ही होती है। इसके लिए सभी जीवों को क्षमा करता हूं, एवं सभी जीव मुझे क्षमा करें।इस पर्यूषर्ण पर उत्तम क्षमा से शुरुआत होती है।क्षमा का मतलब साल भर से जो अन्य जीवों से बैर की गांठ बन जाती है,उसको समाप्त करने के लिए क्षमा का उपयोग परम आवश्यक है।जैन धर्म ही ऐसा है, जिसमें क्षमा का महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। संसार के सभी जीवों से क्षमा मांगना एवं सभी जीव हमको क्षमा करें। इससे धर्म की पवित्रता शुरुआत होती है एवं दस दिन के जो उपदेश होते हैं,वह हमारे जीवन को कल्याण बनाते हैं। अतः आपसे भी क्षमा मांगता हूं।