उत्तम त्याग धर्म

  • भोग विलास की चीजों और क्रोध, मान, माया, लोभ का त्याग सबसे बड़ा माना गया है और महत्वपूर्ण भी ।
  • त्याग करने से लोभ और मोह कम होता है ।
  • दान और त्याग में फर्क यह है की दान अपने लिये थोड़ा रख कर, थोड़ा दिया जाता है, जबकि त्याग में पूरा का पूरा छोड़ा जाता है ।
    दान दूसरे की अपेक्षा से दिया जाता है, त्याग किसी की अपेक्षा से नहीं सिर्फ वस्तु को छोड़ा जाता है ।
    दान प्रिय चीजों का होता है, जैसे – जीवन दान, ज्ञान दान, कन्या दान आदि ।
    त्याग अप्रिय चीजों का जैसे – कमजोरियाँ, बुराईयाँ ।
  • त्याग और दान, अहंकार और बदले की भावना से नहीं करना चाहिये  ।

Share this on...

2 Responses

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

September 6, 2014

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930