उत्तम संयम धर्म

  • संयम दस धर्मों में छ्ठे दिन ही क्यों रखा गया ?
    क्योंकि छ्ठे गुणस्थान में ही संयम संभव है ।
  • श्रावक भावना लिंगी है तथा मुनि भाव लिंगी है यानि श्रावक लिंग धारण करने की भावना भाता है
    और मुनि के अंदर वो भाव आ जाते हैं जो लिंग धारण करने के बाद दिगम्बरत्व भेष में होने चाहिये ।
  • संयम चाण्ड़ाल को भी पूज्य बना देता है और संयम के बिना चक्रवर्ती भी नरक चला जाता है ।

    मुनि श्री विश्रुतसागर जी

Share this on...

One Response

  1. उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

September 15, 2021

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031