जिसका मन जितना सच्चा होगा उसका जीवन भी उतना ही सच्चा होगा ।
जीवन उन्हीं का सच बनता है जो कषायों से मुक्त हो जाते हैं ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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सत्य धर्म का तात्पर्य राग,द्वेष और मोह से प्रेरित सब प्रकार के झूठ का त्याग करना होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिसका मन जितना सच्चा होगा उसका जीवन भी सच्चा होगा, अतः जीवन उन्ही को सच मानता है, तो कषायों हे मुक्त होगा।
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सत्य धर्म का तात्पर्य राग,द्वेष और मोह से प्रेरित सब प्रकार के झूठ का त्याग करना होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिसका मन जितना सच्चा होगा उसका जीवन भी सच्चा होगा, अतः जीवन उन्ही को सच मानता है, तो कषायों हे मुक्त होगा।